Malini Gautam
Nominations: 2020
Category: Literature
Location: Santrampur, Gujarat, India
About Malini: 1972 में मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्र झाबुआ में जन्मी एवं पली-बढ़ी डॉ मालिनी गौतम पिछले चौबीस वर्षों से गुजरात के एक अंतरिम आदिवासी क्षेत्र स... Read More
Work Description
मालिनी गौतम, महाविद्यालय में अंग्रेजी की व्याख्याता होने के साथ-साथ स्वतंत्र लेखन कार्य करती हैं एवं हिन्दी भाषा की एक संवेदनशील व सामर्थ्यवान कवयित्री के रूप में पहचानी जाती हैं ।उनकी कविताओं का फ़लक बहुत विस्तृत है । यहाँ झूठा रूदन और नकली नारेबाजी बिल्कुल नहीं है । वे स्त्री जीवन के विविध पहलुओ... Read More
- (1) परम्परा ऋतुराज सम्मान-2015 (51000 रुपये की राशि) राजधानी दिल्ल... Read More
- (2) भारतीय साहित्य सेवा सम्मान-2016, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, इन... Read More
- (3) हिन्दी साहित्य अकादमी गुजरात-2016 का श्रेष्ठ पुस्तक सम्मान Read More
- (4) प्रोफेसर महेन्द्र प्रताप साहित्य सम्मान-2017 लखनऊ, नवगीत संग्रह... Read More
- (5)वागीश्वरी सम्मान -2017 भोपाल(म प्र), नवगीत संग्रह चिल्लर सरीख... Read More
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Project Details
मालिनी गौतम के अब तक चार कविता संग्रह, कविता, ग़ज़ल एवं गीत विधा में प्रकाशित हैं, इनके अलावा एक दर्जन से अधिक साझा संकलनों में वे अपनी उपस्थिति दर्ज करती हैं। उनके द्वारा किये गए गुजराती दलित कविता के हिंदी अनुवाद का एक महत्वपूर्ण कविता संग्रह शीघ्र प्रकाशित होने वाला है । Read More
- प्रकाशित कविता संग्रह
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मालिनी गौतम के अब तक चार कविता संग्रह, कविता, ग़ज़ल एवं गीत विधा में प्रकाशित हैं, इनके अलावा एक दर्जन से अधिक साझा संकलनों में वे अपनी उपस्थिति दर्ज करती हैं। उनके द्वारा किये गए गुजराती दलित कविता के हिंदी अनुवाद का एक महत्वपूर्ण कविता संग्रह शीघ्र प्रकाशित होने वाला है । Read More
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देश के प्रतिष्ठित चित्रकारों के द्वारा मालिनी गौतम की कविताओं पर कविता-पोस्टर बनाये गए हैं, एवं उन्हें अलग-अलग शहरों में महत्वपूर्ण साहित्यिक प्रदर्शनियों में रखा गया है । Read More
- कविता पोस्टर
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- कविता पोस्टर
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मालिनी गौतम समाज के उपेक्षित और वंचित वर्ग के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। गुजराती दलित कविता और कहानियों को हिंदी अनुवाद के द्वारा, उन्होंने एक विस्तृत फलक तक पहुँचाया है । वहीं दूसरी तरफ उनकी भी कविताएँ अंग्रेजी, पंजाबी, नेपाली, उर्दू, मलयालम, गुजराती आदि भाषाओं में अनुवादित हुई हैं | Read More
- अनुवाद
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मालिनी गौतम समाज के उपेक्षित और वंचित वर्ग के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। गुजराती दलित कविता और कहानियों को हिंदी अनुवाद के द्वारा, उन्होंने एक विस्तृत फलक तक पहुँचाया है । वहीं दूसरी तरफ उनकी भी कविताएँ अंग्रेजी, पंजाबी, नेपाली, उर्दू, मलयालम, गुजराती आदि भाषाओं में अनुवादित हुई हैं | Read More
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मालिनी गौतम समाज के उपेक्षित और वंचित वर्ग के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। गुजराती दलित कविता और कहानियों को हिंदी अनुवाद के द्वारा, उन्होंने एक विस्तृत फलक तक पहुँचाया है । वहीं दूसरी तरफ उनकी भी कविताएँ अंग्रेजी, पंजाबी, नेपाली, उर्दू, मलयालम, गुजराती आदि भाषाओं में अनुवादित हुई हैं | Read More
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मालिनी गौतम समाज के उपेक्षित और वंचित वर्ग के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। गुजराती दलित कविता और कहानियों को हिंदी अनुवाद के द्वारा, उन्होंने एक विस्तृत फलक तक पहुँचाया है । वहीं दूसरी तरफ उनकी भी कविताएँ अंग्रेजी, पंजाबी, नेपाली, उर्दू, मलयालम, गुजराती आदि भाषाओं में अनुवादित हुई हैं | Read More
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मालिनी गौतम को उनके साहित्यिक अवदान के लिए अनेक महत्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी जी के हस्तक उन्हें बहु चर्चित "परम्परा ऋतुराज पुरस्कार" प्राप्त हुआ है। वे देश भर में साहित्य और शिक्षण से जुड़े हुए आयोजनों में कविता पाठ करने एवं साहित्यिक व्... Read More
- गर्व के कुछ पल
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मालिनी गौतम को उनके साहित्यिक अवदान के लिए अनेक महत्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी जी के हस्तक उन्हें बहु चर्चित "परम्परा ऋतुराज पुरस्कार" प्राप्त हुआ है। वे देश भर में साहित्य और शिक्षण से जुड़े हुए आयोजनों में कविता पाठ करने एवं साहित्यिक व्... Read More
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मालिनी गौतम को उनके साहित्यिक अवदान के लिए अनेक महत्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी जी के हस्तक उन्हें बहु चर्चित "परम्परा ऋतुराज पुरस्कार" प्राप्त हुआ है। वे देश भर में साहित्य और शिक्षण से जुड़े हुए आयोजनों में कविता पाठ करने एवं साहित्यिक व्... Read More
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मालिनी गौतम की कविताएँ एवं आलेख देश के सभी प्रतिष्ठित समाचार पत्र- लोकमत, जागरण, राजस्थान पत्रिका, नई दुनिया, सुबह-सवेरे एवं सभी प्रमुख साहित्यिक पत्रिकाएं-समकालीन भारतीय साहित्य, नया ज्ञानोदय, इंद्रप्रस्थ भारती, वागर्थ,कथादेश ,आजकल, साक्षात्कार, बया, आदि में प्रकाशित होते रहते हैं Read More
- आवाज़ देश भर की पत्र-पत्रिकाओं में
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मालिनी गौतम, महाविद्यालय में अंग्रेजी की व्याख्याता होने के साथ-साथ स्वतंत्र लेखन कार्य करती हैं एवं हिन्दी भाषा की एक संवेदनशील व सामर्थ्यवान कवयित्री के रूप में पहचानी जाती हैं ।उनकी कविताओं का फ़लक बहुत विस्तृत है । यहाँ झूठा रूदन और नकली नारेबाजी बिल्कुल नहीं है । वे स्त्री जीवन के विविध पहलुओं को, समाज में उस पर होने वाले अन्याय-अत्याचारों को, एक प्रगतिशील समाज में उसके योगदान को, जीवन के हर क्षेत्र में उसकी सुदृढ़ होती स्थिती को अपनी कविताओं के माध्यम से व्यक्त करती हैं । उनकी कविताएँ समाज और व्यक्ति के दुख-दर्द समेटे हुए भी समकालीन कविता के प्रवाह के साथ-साथ खूबसूरती से बहती हैं । उनकी कविताएँ सामाजिक संदर्भों के वृहत्तर आयाम से भारतीय मानस को जोड़ती दीखती हैं । ये कविताएँ स्त्री के निजी एकात्म का विलाप भर नहीं हैं । इन कविताओं में स्त्री-जीवन की विडम्बना के स्वर में सामाजिक चेतनता की जागृति भी है, जो हमारी संवेदना को केवल हिलाती-डुलाती ही नहीं, विद्रूपताओं के प्रति मन में यह सवाल भी छोड़ती है कि क्या यही चेतन समाज की विलक्षणता है ।
मालिनी पेशे से अध्यापक है। उन्होंने बच्चों के मनोविज्ञान और उनकी सामाजिक स्थिति को बहुत निकट से देखा है । इस दौर में बहुत मेधावी क्षात्रों को भी उनका प्राप्य नहीं मिल पाता है और कमतर छात्र अनेक प्राथमिकताओं के कारण विक्षिप्त हो जाने को विवश होते हैं । इस विषय पर उनकी कविताएँ उल्लेखनीय हैं ।आदिवासी क्षेत्र जीवन की अनेक सुविधाओं से आज भी वंचित हैं। मालिनी इसे अपना सौभाग्य मानती हैं कि वे इस क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार से जुड़ी हुई हैं एवं उनके युवा वर्ग को भाषिक और साहित्यिक चेतना देने का कार्य कर रही हैं । वे लगातार प्रयासरत रहती हैं कि उनके माध्यम से देश के लोग आदिवासी जीवन की समस्याओं से परिचित हों।
एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा है दलितों के साथ असमानता का व्यवहार। उन्होंने गुजराती साहित्य के महत्वपूर्ण दलित कवियों की रचनाओं का हिंदी में अनुवाद कर उन्हें देश के जन जन तक पहुँचाने का कार्य किया है। वे एक बेहतरीन अनुवादक हैं । गुजराती दलित कविताओं के हिन्दी अनुवाद के इस अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य के द्वारा वे लगातार एक उपेक्षित समाज की भावाभिव्यक्ति को हिन्दी के विस्तृत फलक तक पहुँचाने के लिए समर्पित और तत्पर हैं । । पेशे से अंग्रेजी की प्राध्यापक होने के बावजूद वे लगातार हिन्दी भाषा में कार्य कर रही हैं । वे एक कुशल वक्ता भी हैं और लगातार देशभर में विविध आयोजनों में, साहित्यिक संगोष्ठियों में व्याख्यान देनें एवं कविता पाठ करने के लिए बुलाई जाती हैं । अपने कॉलेज में यूनिवर्सिटी संचालियत वूमन सेल की वे को-कॉर्डिनेटर हैं। महाविद्यालय की छात्राओं को उनके हक और अधिकारों के प्रति जागृत करने के लिए कटिबद्ध हैं । महाविद्यालय में अभ्यास करती आदिवासी बच्चियाँ, जो अब धीरे-धीरे अपने स्त्रीत्व के प्रति सजग होती जा रही हैं उन्हें उनके घर-परिवार और समाज में होते दैहिक शोषण से मुक्ति दिलाने हेतु प्रयत्नशील हैं । यहाँ कार्यरत विभिन्न एन जी ओ के साथ मिलकर यहाँ के दूर-दराज के गाँवों में आयोजित कार्यक्रमों में अंधविश्वास, बेटी-बचाओ, कन्या भ्रूण हत्या जैसे ज्वलंत विषयों पर व्याख्यानों के द्वारा जागृति फैलाने के कार्य में सक्रिय हैं । यहाँ के अंतरिम गाँवों में जाकर सफाई-स्वच्छता, साक्षरता, अंधविश्वास, व्यसन-मुक्ति जैसे कार्यक्रमों में लगातार शिरकत करती हैं। आदिवासी समाज की विभिन्न समस्याओं, खूबियों एवं संघर्षों पर लगातार विस्तृत आलेख लिखती रहती हैं, जो हिन्दी की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं। अंग्रेजी विषय की प्राध्यापक होने के कारण महानगरीय कॉलेजों में नौकरी की तमाम संभावनाओं के होते हुए भी, आज के इस कठिन समय में जब व्यक्ति अपनी नाक के आगे कुछ नहीं सोचना चाहता, यह युवा कवयित्री जिस अदम्य इच्छा-शक्ति के बल पर सिर्फ और सिर्फ इन आदिवासी बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिये जो प्रयास कर रही है वह सचमुच काबिले तारीफ है ।
मालिनी गौतम के द्वारा किये जाने वालों कार्यों की एक बानगी-
- अंतर्राष्ट्रीय नवगीत महोत्सव-2015, 2017 लखनऊ में कविता पाठ एवं शोधपत्र वाचन।
- मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन भोपाल इकाई द्वारा जून 2016 में आयोजित राष्ट्रीय नवगीत संगोष्ठी में मुख्य वक्ता एवं कविता-पाठ
- मध्य्प्रदेश भोपाल की प्रमुख साहित्यिक संस्था “दस्तक” के वार्षिक आयोजन में कविता पाठ के लिये आमंत्रित।
- गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद ( गुजराती विभाग) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अनुवाद कार्यशाला( गुजराती-हिन्दी) में रिसोर्स परसन
- गुजरात विद्यापीठ द्वारा विश्व महिला दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में सहभागिता
- श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति इन्दौर (मध्यप्रदेश) द्वारा अप्रेल-2016 में एकल कविता पाठ का आयोजन।
- शासकीय महालक्ष्मीबाई कन्या स्नातक महाविद्य़ालय इन्दौर द्वारा “संस्कृति, समरसता और भारतीय साहित्य” पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य़ वक्ता एवं कविता पाठ
- जनवादी लेखक संघ, देवास (मध्यप्रदेश) द्वारा एकल कविता पाठ का आयोजन
- वीमेन स्टडी सेंटर एवं वीमेन सेल सरदार पटेल युनिवर्सिटी, वल्लभ विद्यानगर द्वारा आयोजित काव्य-संध्या में कविता पाठ
- मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन उमरिया (जबलपुर) द्वारा गीत और ग़जल पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य वक्ता एवं कविता पाठ
- सेंट्रल यूनिवर्सिटी गाँधीनगर द्वारा सिनेमा और साहित्य विषय पर आयोजित नेशनल सेमिनार में मुख्य वक्ता।
- आदिवासी आर्टस एंड कॉमर्स कॉलेज संतरामपुर एवं हिन्दी साहित्य अकादमी गाँधीनगर द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय सेमिनार
“भूमंडलीकरण एवं आधुनिक हिन्दी साहित्य” में मुख्य वक्ता ।
- महारानी प्रेमकुमारी महाविद्यालय देवगढ़ बारिया एवं साहित्य अकादमी गुजरात द्वारा “साहित्य एवं पुराण” विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय सेमीनार में मुख्य वक्ता ।
- बुक फेयर अहमदाबाद एवं दिल्ली में ऑथर्स कॉर्नर पर विशेष चर्चा
- समकालीन भारतीय साहित्य,इन्द्रप्रस्थ भारती,नया ज्ञानोदय, वागर्थ, पूर्वग्रह,अलाव,साक्षात्कार,आजकल,अक्षरपर्व,अक्षरा,वीणा,कथादेश,मंतव्य,युद्धरत आम आदमी,ककसाड़, साहित्य अमृत सहित देश-प्रदेश की सभी महत्वपूर्ण पत्रिकाओं में रचनाओ एवं आलेखों का नियमित प्रकाशन ।
- इंटरनेट पर विभिन्न ब्लॉग्स में रचनाओं का व्यापक प्रकाशन।
- विभिन्न साहित्यिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं में सतत व्याख्यान एवं कविता-पाठ ।
- अनुवाद की विविध कार्यशालाओं में रिसोर्स परसन के रूप में सहभागिता ।
- कविताओं व व्याख्यानों के माध्यम से विभिन्न एन जी ओ के साथ स्त्री उन्मूलक कार्यक्रमों में निरंतर सहभागिता।
- गुजराती, पंजाबी, नेपाली, अंग्रेजी, उर्दू, मलियालम आदि भाषाओं में मालिनी गौतम की कविताओं का अनुवाद
- आकाशवाणी से नियमित कविताओं का प्रसारण
संपादन (1) दिल्ली से प्रकाशित पत्रिका”अभिनव इमरोज” के रमेश सोबती विशेषांक की अतिथि सम्पादक
(2) बडौदा से प्रकाशित पत्रिका ‘नारी अस्मिता’ की जिला प्रतिनिधि
(3)भोपाल से प्रकाशित पत्रिका “पहला अंतरा“ की सहयोगी संपादक
Award X Close
(1) परम्परा ऋतुराज सम्मान-2015 (51000 रुपये की राशि) राजधानी दिल्ली की जानी-मानी संस्था परंपरा द्वारा कविता संग्रह “एक नदी जामुनी-सी” की पांडुलिपि पर
Award X Close
(4) प्रोफेसर महेन्द्र प्रताप साहित्य सम्मान-2017 लखनऊ, नवगीत संग्रह “चिल्लर सरीखे दिन”के लिए
About Malini X Close
1972 में मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्र झाबुआ में जन्मी एवं पली-बढ़ी डॉ मालिनी गौतम पिछले चौबीस वर्षों से गुजरात के एक अंतरिम आदिवासी क्षेत्र संतरामपुर के “आर्टस एवं कॉमर्स महाविद्द्यालय” में अंग्रेजी की व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं । मालिनी की शिक्षा-दीक्षा झाबुआ में ही हुई, अर्थात शुरुआती जीवन के 22-24 बरस उन्होंने वहीं व्यतीत किये । झाबुआ में रहते हुए उन्होंने आदिवासी जनजाति को नजदीक से देखा, जाना, उनकी संस्कृति, त्योहार, रीति-रिवाजों की साक्षी बनीं और तथाकथित सभ्य समाज द्वारा इन सरल प्रकृति-पुत्रों के शोषण से व्यथित होती रहीं । यही कारण था कि उनके मन में उस समय से ही एक लगन थी, इस आदिवासी समाज के लिये कुछ कर गुजरने की और इसी जीजिविषा के चलते सन 1994 में वे गुजरात के सुदूरवर्ती आदिवासी अंचल संतरामपुर में आ बसीं । यहाँ महाविद्यालय में अंग्रेजी के प्राध्यापक के रूप में नौकरी की शुरुआत की और तब से आज तक अपने घर-परिवार और बच्चों की शिक्षा-दीक्षा और सुख-सुविधाओं से संबंधित अनेक समस्याओं का सामना करते हुए भी वे इन आदिवासी बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिये, उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं ।
एक अध्यापक होने के साथ-साथ वे एक लेखिका भी हैं । कविता, गीत, ग़ज़ल, लघुकथा, एवं अनुवाद आदि विधाओं में वे हिन्दी साहित्य जगत का एक सुपरिचित नाम हैं । उनका पहला ही कविता-संग्रह “बूँद-बूँद अहसास” गुजरात साहित्य अकादमी के सहयोग से प्रकाशित हुआ । अपनी दूसरी पुस्तक, ग़ज़ल संग्रह “दर्द का कारवाँ” के द्वारा उन्होंने शीघ्र ही हिन्दी की महिला ग़ज़लकारों के बीच अपना विशेष स्थान बनाया और अनेक महत्वपूर्ण ग़ज़ल संकलनों में स्थान प्राप्त किया । मालिनी गौतम को एक कवयित्री के रूप में विशेष ख्याति प्राप्त हुई उनके तीसरे कविता- संग्रह “एक नदी जामुनी” से, जिसे प्रकाशन के पूर्व ही, संग्रह की पांडुलिपि पर दिल्ली की प्रख्यात साहित्यिक संस्था “परंपरा” के द्वारा “ परंपरा ऋतुराज पुरस्कार” से सम्मानित किया गया । प्रकाशन के पश्चात इस संग्रह के लिए गुजरात साहित्य अकादमी ने वर्ष 2016 की कविता विधा की श्रेष्ठ पुस्तक का अवॉर्ड घोषित किया । मालिनी गौतम का चौथा कविता संग्रह “चिल्लर सरीखे दिन “ भी बेहद चर्चित रहा । मध्यप्रदेश का प्रतिष्ठित “वागीश्वरी पुरस्कार” वर्ष 2017 के लिए इसे प्रदान किया गया । वे अपनी कलम के माध्यम से शोषितों, वंचितों और उपेक्षितों के लिए लगातार लिखती रही हैं, चाहे फिर वह स्त्री हो, बच्चे हों या फिर समाज का कोई भी उपेक्षित वर्ग । उनकी कविताएँ किसी नकली रुदन या नारेबाजी का हिस्सा नही हैं । उनकी रचनाओं का धरातल नितांत मौलिक एवं नवता लिए हुए है। उनमें ज़िन्दगी की गरमाहट और संवेदना का घनत्व पंक्ति-दर-पंक्ति दिखाई देता है। अपने समय और परिवेश के सच को शब्दों में उतारना उनकी रचनाधर्मिता का प्रथम लक्ष्य है और यही कारण है कि वे पाठकों को खुद से जुड़ी हुई लगती हैं । उनके लिए नारीवाद का मतलब पुरुष विरोधी होना नहीं है, बल्कि वे इस बात की हिमायती हैं, कि इस पुरुष प्रधान समाज में हर स्त्री की अपनी एक “स्पेस” हो, हर स्त्री का अपना एक “निजि आकाश” हो, हर स्त्री के पास अपना खुद का धन हो, और घर के अंदर भी अपना खुद का एक कमरा हो । मालिनी एक श्रेष्ठ अनुवादक भी हैं । गुजराती के दलित साहित्य का उन्होंने गहन अध्ययन किया है और इस उपेक्षित साहित्य का लगातार हिन्दी अनुवाद कर देश की महत्वपूर्ण पत्रिकाओं के माध्यम से हिन्दी के विशाल पाठक वर्ग तक पहुँचाया है । इसी क्रम में गुजराती के महत्वपूर्ण कवियों की चुनिंदा कविताओं के हिन्दी अनुवाद को उन्होंने पुस्तक रूप प्रदान किया है जो शीघ्र ही प्रकाशित होने की प्रक्रिया में है। उनकी कविताओं का गुजराती, अंग्रेजी, पंजाबी, उर्दू,नेपाली एवं मलियालम भाषाओं में अनुवाद हुआ है एवं कई महत्वपूर्ण पत्रिकाओं के संपादन कार्य से वे जुड़ी हुई हैं ।
उनका संक्षिप्त परिचय निम्नलिखित है |
नाम - डॉ. मालिनी गौतम
माता का नाम - श्रीमती रमा गौतम
पिता का नाम - डॉ. ब्रह्मजीत गौतम
जन्म - 20 फरवरी, 1972, झाबुआ (मध्यप्रदेश)
शिक्षा -एम. ए.(अंग्रेजी), पी-एच डी.
कार्य-क्षेत्र - एसोसिएट प्रोफेसर, उच्च शिक्षा विभाग, गुजरात
लेखन-विधाएँ -छान्दस व अछान्दस कविता, गीत-नवगीत, ग़ज़ल,
दोहा, लघुकथा,हिन्दी-
गुजराती-अंग्रेजी परस्पर अनुवाद आदि
प्रकाशित कृतियाँ (1) बूँद-बूँद अहसास (कविता संग्रह – अयन प्रकाशन, दिल्ली ) हिन्दी साहित्य अकादमी गुजरात के सहयोग से
(2) दर्द का कारवाँ (ग़ज़ल संग्रह)
(3) एक नदी जामुनी-सी ( कविता संग्रह)
(4) चिल्लर सरीखे दिन (नवगीत संग्रह )
(5) गीत वसुधा ( गीत संग्रह, अन्य के साथ)
(6) गीत अष्टक ( गीत संग्रह, साझा संकलन)
(7) गीत सिन्दूरी गंन्ध कपूरी (साझा गीत संग्रह)
(8) समकालीन महिला ग़ज़लकार ( साझा ग़ज़ल संग्रह)
(9) समय के सहयात्री ( साझा ग़ज़ल संग्रह)
(10) समकालीन हिन्दी ग़जलकार एक अध्ययन (साझा पुस्तक)
(11) नयी सदी के नवगीत ( साझा गीत संग्रह)
(12) आधुनिक हिन्दी साहित्य की चयनित कविताएँ(साझा कवितासंग्रह)
(13)संस्कृति,समरसता और भारतीय साहित्य( साझा आलेख )
(14)गुनगुनाएँ गीत फिर से(साझा गीत संग्रह)
(15) 20th Century Indian Fiction ( Collection of Articals)
प्रकाशाधीन (1) गुजराती समकालीन कथाकारों की कहानियाँ (हिन्दी अनुवाद)
(2) गुजराती दलित काव्य सृष्टि
प्रकाशित कविता संग्रह X Close
मालिनी गौतम के अब तक चार कविता संग्रह, कविता, ग़ज़ल एवं गीत विधा में प्रकाशित हैं, इनके अलावा एक दर्जन से अधिक साझा संकलनों में वे अपनी उपस्थिति दर्ज करती हैं। उनके द्वारा किये गए गुजराती दलित कविता के हिंदी अनुवाद का एक महत्वपूर्ण कविता संग्रह शीघ्र प्रकाशित होने वाला है ।
कविता पोस्टर X Close
देश के प्रतिष्ठित चित्रकारों के द्वारा मालिनी गौतम की कविताओं पर कविता-पोस्टर बनाये गए हैं, एवं उन्हें अलग-अलग शहरों में महत्वपूर्ण साहित्यिक प्रदर्शनियों में रखा गया है ।
अनुवाद X Close
मालिनी गौतम समाज के उपेक्षित और वंचित वर्ग के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। गुजराती दलित कविता और कहानियों को हिंदी अनुवाद के द्वारा, उन्होंने एक विस्तृत फलक तक पहुँचाया है । वहीं दूसरी तरफ उनकी भी कविताएँ अंग्रेजी, पंजाबी, नेपाली, उर्दू, मलयालम, गुजराती आदि भाषाओं में अनुवादित हुई हैं |
गर्व के कुछ पल X Close
मालिनी गौतम को उनके साहित्यिक अवदान के लिए अनेक महत्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी जी के हस्तक उन्हें बहु चर्चित "परम्परा ऋतुराज पुरस्कार" प्राप्त हुआ है। वे देश भर में साहित्य और शिक्षण से जुड़े हुए आयोजनों में कविता पाठ करने एवं साहित्यिक व्याख्यान देने के लिए बुलाई जाती हैं । कई महत्वपूर्ण पत्रिकाओं के आवरण पृष्ठ पर भी वे मौजूद हैं । आकाशवाणी से उनकी रचनाओं का नियमित प्रसारण होता है। अंतरराष्ट्रीय पत्रिका"कला संवाद" के फोटोग्राफी विशेषांक में न सिर्फ उनके द्वारा खींचे गए 16 चित्रों को स्थान मिला है , बल्कि पत्रिका का कवर पेज भी उन्हीं के द्वारा खींचे गए फ़ोटो से बनाया गया है । हिन्दी साहित्य के कई वरिष्ठ एवं महत्वपूर्ण आलोचकों के द्वारा उनकी कविताओं पर विस्तृत आलेख लिखे गए हैं ।
आवाज़ देश भर की पत्र-पत्रिकाओं में X Close
मालिनी गौतम की कविताएँ एवं आलेख देश के सभी प्रतिष्ठित समाचार पत्र- लोकमत, जागरण, राजस्थान पत्रिका, नई दुनिया, सुबह-सवेरे एवं सभी प्रमुख साहित्यिक पत्रिकाएं-समकालीन भारतीय साहित्य, नया ज्ञानोदय, इंद्रप्रस्थ भारती, वागर्थ,कथादेश ,आजकल, साक्षात्कार, बया, आदि में प्रकाशित होते रहते हैं